स्लीपर वंदे भारत और मेट्रो वंदे भारत के लिये तय हुआ रूट, इन 9 जगहों पर चलेगी ट्रेन
Sleeper Vande Bharat: देशभर में विभिन्न राज्यों में वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। कुछ साल पहले शुरू की गई वंदे भारत ट्रेन काफी करगर साबित हो रही है और समय को बचाते हुए लोगो को एक स्थान से दूसरे स्थान बड़े आसनी से पोहचा देती है अब लोकल ट्रेन की तर्ज पर छोटी दूरी की वंदे भारत मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जाएगा। वं इन ट्रेन का ट्रायल जुलाई से शुरू होगा। इसके अलावा वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का ट्रायल मई में शुरू हो जाएगा। सुत्रो के अनुसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्रेनो को हरी झंडी दिखाएंगे है। । आने वाले समय में वंदे भारत ट्रेन ट्रैक में चलने लगेगी और यात्री इसकी सुविधा का आनंद उठा सकेगे।
रीवा के रास्ते इन ट्रेनो का ट्रायल होगा। भोपाल से इंदौर, उज्जैन तक ट्रेनो को चलाने की संभावना जताई जा रही है वंदे भारत मेट्रो ट्रेन कम समय में ज्यादा दूरी तय करेगी। रेलवे का दावा है कि यह ट्रेन 100 से 250 किलोमीटर की दूरी तय करेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के लिए 1000 किलोमीटर के बीच पडऩे वाले स्टेशन पर यात्रा के रूट डिजाइन किए जाने हैं। इसको लेकर काम काफी तेजी से चल रहा हैइसके कोच को चेन्नई की आइसीएफ़ फैक्ट्री में बनाया जा रहा है।
यह पहला मौका होगा, जब एक साथ इतनी संख्या में वंदे भारत एक्सप्रेस देश के अलग-अलग हिस्सों से रवाना होंगी.।देश की पहली वंदे भारत ट्रेन को दिल्ली से वाराणसी रूट पर शुरू किया गया था। अब तक 25 वंदे भारत ट्रेनें चल चुकी हैं। चूंकि, अब तक इन ट्रेनों में चेयर कार ही दिया जाता है, ऐसे में लंबे रूट्स के लिए लोगों को दिक्कत होती है।
रिपोर्ट्स के अनुसार चुने हुए रूट्स:
रेलवे द्वारा पहले चरण में-लखनऊ कानपुर, आगरा मथुरा ,दिल्ली, रेवाड़ी भुवनेश्वर बालेश्वर और तिरुपति चेन्नई रेलवे रूट को ट्रायल के लिए चुना गया हैवंदे भारत ट्रेन के नए वर्जन जल्द ही यात्रियों के लिए उपलब्ध होंगे। रेलवे बोर्ड से शेड्यूल आते ही इसे भोपाल, कोटा, जबलपुर मंडलों में लागू करेंगे। शोभना बंदोपाध्याय, जीएम, पश्चिम मध्य रेलवे।
मुंबई से दिल्ली के बीच स्लीपर वंदे भारत ट्रेन
अपनी यात्रा महज 12 घंटे में पूरी कर सकती है। अभी दोनों शहरों शहरो के बीच 16 घंटे का समय लगता है। ट्रेन की स्पीड अधिक करने वे
लिए रेलवे ट्रैक पर भी काम किया जा रहा है। इसके अलावा,पटरियों के दोनों तरफ फेंसिंग भी लगाई जा रही है, ताकि अचानक ट्रैक पर कुछ आ ना सके।
किन-किन सुविधाओ का लुत्फ उठा सकेगे आप:
यात्रियों को रात के सफर में सोने के लिए आम ट्रेनों की तरह लंबी सीट उपलब्ध कराई जाएगी। इसका किराया आम स्लीपर ट्रेन के कोच के बराबर ही होगा। मुंबई की लोकल ट्रेन की तरह छोटे-छोटे स्टेशन तथा कम दूरी के स्टेशन पर यह ट्रेन ठहरेगा । इसे चलाने का मकसद स्थानीय गांव कस्बों को शहरों से जोड़ना है ।इस ट्रेन में थोड़ा ज्यादा किराया देकर यात्री वातानुकूलित कोच में सफर कर सकेंगे। वंदे भारत ट्रेनें कई तरह की सुविधाओं से लैस रहती हैं, इनमें यात्रियों का आराम भी दूसरी ट्रेनों की तुलना में ज्यादा मिलता है। इसी वजह से कम समय में ये काफी लोकप्रिय हो गई हैं।